अंतर्राष्ट्रीय पोषण दिवस के अवसर पर स्थानीय स्वंयसेवी संस्था बनवासी विकास आश्रम ने सी डब्लू एस के सहयोग से अड़वारा पंचायत के जमुनिया गांव के महिलाओं को कुपोषण से लड़ने के लिए पोषण बगीचा लगाने हेतु प्रेरित किया।
उन महिलाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया गया जिनके बच्चे कुपोषित हैं या कुपोषण के तरफ कदम बढ़ा चुके हैं।
वहीं आंगनबाड़ी केंद्र जमुनिया में संस्था के तरफ से पोषण से संबंधित विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक पोस्टर का प्रदर्शनी लगाया गया। केंद्र में सेविका तथा पोषण सखी के मदद से महिलाओं के बीच तिरंगा भोजन से संबंधित खेल खेला गया। खेल के द्वारा बताया गया कि भोजन की थाली में तीन रंगों का भोजन जैसे सफेद, हरा, लाल रंग का होना चाहिए। सफेद जैसे कार्बोहाइड्रेड युक्त भोज्य पदार्थ हरा जैसे विटामिन युक्त हरी सब्जियां, लाल जैसे प्रोटीन युक्त भोजन सामग्री अंडा मीट मछली इत्यादि के सेवन से ही हम कुपोषण से लड़ सकते हैं।
मौके पर उपस्थित संस्था के कुपोषण कार्यकर्ता रविरंजन उपाध्याय ने बताया कि संस्था द्वारा बगोदर प्रखंड के अड़वारा पंचायत को कुपोषण की समस्या से बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किये जा रहे हैं, जैसे पोषण बागवानी को प्रोत्साहित करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना, कुपोषण उपचार शिविर का आयोजन करना, कुपोषित बच्चों के माताओं को पोषण के प्रति समझ बढ़ाना इत्यादि।
संस्था के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने कहा कि पोषण के चार खंभे हैं, भोजन की उपलब्धता, भोजन तक पहुंच, भोजन का उपयोग एवं उसका पाचन तथा इन चीजों का स्थायित्व बरकार रखना। जब तक सरकार और गैर सरकारी संगठन मिलकर प्रयास नही करेंगे कुपोषण दूर नहीं किया जा सकता। कुपोषित बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने के लिए उनकी माताओं को कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरुक करने की आवश्यकता है इसके लिए आंगनबाड़ी सेविका तथा पोषण सखी को मिलकर बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने का काम करना होगा।समुदाय की भागीदारी अतिआवश्यक है।
- 10 साल बाद भी विकास का मौडल
- #गुमशुदा बच्चे को मिला अपना भाई।